मुंबई यूनिवर्सिटी : NSS
उठें समाज के लिए उठें- उठें
जगे स्वराष्ट्र के लिए जगें-जगें
स्वयं सजे वसुंधरा संवार दें -
हम उठें उठेगा जग हमारे संग साथियों
हम बढ़ें तो सब बढ़ेंगे अपने आप साथियो
जमीं पे आसमान को उतार दें -2
स्वयं सजे वसुंधरा संवार दें-2
उदासियों को दूर कर ख़ुशी को बाँटते चले
गाँव और शहर की दूरियों को पाटते चलें
ज्ञान को प्रचार दें प्रसार दें
विज्ञानं को प्रचार दें प्रसार दें
स्वयं सजे वसुंधरा संवार दें-2
समर्थ बाल वृद्ध और नारियां रहे सदा
हरे भरे वनों की शाल ओढ़ती रहे धरा
तरक्कियो की एक नई कतार दें-2
स्वयं सजे वसुंधरा संवार दें-2
ये जाति धर्म बोलियाँ बने न शूल राह की
बढाए बेल प्रेम की अखंडता की चाह की
भावना से ये चमन निखार दें
सद्धभावना से ये चमन निखार दें
स्वयं सजे वसुंधरा संवाद दें -2
उठें समाज के लिए उठें- उठें
जगे स्वराष्ट्र के लिए जगें-जगें
स्वयं सजे वसुंधरा संवार दें -2