Friday, December 23, 2022

मेरी दक्षिण यात्रा

  जुलाई 2022

 इंदौर  से तिरुपति  और कालाहस्ती  शिव मंदिर यात्रा  हवाई और ट्रेन यात्रा जैसे ईश्वर का एक और सुन्दर  वरदान। घर से इंदौर एयरपोर्ट भी खेल खेल में ही पहुँच गए।  इंदौर का एयरपोर्ट जैसे बस स्टैंड सोचा ही नहीं था की एयर पोर्ट भी ऐसा होता होगा।   इंदौर  एयरपोर्ट से ब्रेक जर्नी बैंगलोर होते हुए चेन्नई तक और चेन्नई से बस यात्रा तिरुपति तक..  इतनी सुंदर अकस्मात यात्रा  जिसको याद करना और अपने स्वजनों को बताना निश्चित ही हर्ष का कारण होगा. . पता ही नहीं चला कब इंदौर से तिरुपति पहुँच गएजैसे ईश्वर ने सरे मार्ग पहले से ही मेरे लिए  निर्धारित करके रखे हुए थे.. मुझे मेरे  जीविकोपार्जन क्षेत्र अर्थात  इंदौर की प्राइवेट  यूनिवर्सिटी   जहाँ मैं प्रोफेसर थी वहां से भी  तीन दिन की  छुट्टी आसानी से मिल गयी



सावन का जुलाई  का  महीना  और आसमान पर बादल और बारिश का दूधिया नजारा। चारों तरफ बादल ही बादल   ऐसा लग रहा था  बादल की जमीन  पर  उड़ रहे हों। फ्लाइट के बाहर का नजारा  बारिश की बूंदे या नमी  का सिर्फ अहसास  और  अंदर से  दर्शन।  अहा.हा,,!!! वास्तव में ईश्वर कितना सुंदर होगा। 
 किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं सिर्फ आनंद ही आनंद। मेरी सीट के बगल वाली सीट पर पीथमपुर इंदौर में एक इंडस्ट्री के मालिक बंगलुरु तक यात्रा कर रहे थे। वे भी सज्जन व्यक्ति लगे जिन्होंने मुझे कुछ खाने की चीज ऑफर की परन्तु शायद मैंने नहीं  खायी  क्योंकि उस दिन मेरा सोमवार था।   एक घंटे की हवाई यात्रा में उनसे भी  परिचय हो गया. वे इस मार्ग के पुराने राही  थे अतः उन्होंने मुझे तिरुपति भगवान तक पहुँचाने के बहुत सारे मार्ग बता दिए।  पुनः मैं   अभिभूत।  जैसे भगवन  ही मेरे साथ  चलकर मुझे अपने दर्शन  लिए  जा रहे हों हमेशा की तरह. एक   के एक घंटे  हवाई यात्रा कर हमारी फ्लाइट बेंगलुरु पहुंची और   बेंगलुरु  से दूसरी फ्लीट चेंज करना पड़ी।
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर  एक घण्टे रुक कर  दूसरे टर्मिनल पर बस से पहुँच कर फ्लाइट चेंज की और  चेन्नई तक
 यात्रा   लगभग   एक  और घंटे में पूरी हो गयी  



चेन्नई उतर कर ऐसा लगा ही नहीं जैसे किसी नवीन  स्थान पर पहुंचे हों.. चेन्नई हवाई अड्डा और हवाई अड्डे से बाहर निकलना बिलकुल ही सहज स्वाभाविक  रोज की घटना जैसा लगा.' चेन्नई से लोकल रेड बस द्वारा १० या २० रुपये  किराया देकर चेन्नई बस स्टैंड तक पहुंचा जा सकता था।  परंतु एयर पोर्ट या स्टेशन के बाहर आते ही कैब टैक्सी वालों ने पकड़ लिया और मैंने  कैब कर ली। बस स्टैंड पर  अलग अलग स्थानों पर जाने वाली डीलक्स ,ऐसी , तमिलनाडु सरकार की  बसेस  खड़ी  हुई थीं.

चेन्नई एयरपोर्ट से बस स्टैंड तक जाते हुए चेन्नई के मरीना  समुद्र बीच  को देखा जो मुंबई के गंदे बीचेस से स्वच्छ और सूंदर था।  आराम से राम के साथ  बस में बैठे हुए   प्रकृति का आनंद  और खूबसूरती की  मन ही मन प्रशंसा  करते करते  किसी स्वच्छ  टी स्टाल पर  पहुंची।  दक्षिण भारत की विशेषता  कि  दक्षिण भारतीय अभी तक अपनी भारतीय परम्पराओं से बंधे हुए हैं।  यहाँ   प्रत्येक व्यक्ति के माथे पर त्रिपुण्ड या तीन धारी वाला चन्दन टीका शोभायमान  ही रहता है. किसी बच्चे का भी  माथा खाली नहीं दिखता और सुबह आठ या ज्यादा से ज्यादा  नौ बजे तक मंदिरों में दर्शन पूजन किये जा सकते है फिर मंदिर के पट बंद  हो जाते हैं   इस बात ने मुझे बहुत भावुक कर दिया और प्रभावित भी किया   ब्रह्म मुहूर्त में  स्नान ध्यान ईश्वर पूजन के महत्व को  भली भांति समझते हैंचूंकि  मैं  वर्ष २००४ से अभी तक हैदराबाद से कनेक्टेड रही हूँ अतः दक्षिण भारत का कल्चर खान -पान भाषा और वहां के स्थायी  निवासियों की बहुत  भावुक वाणी बात करने की विनम्र टोन और प्यारे मधुर व्यव्हार की हमेशा ही कायल रही हूँमुझे  दक्षिण का  भोजन इडली और डोसा बहुत पसंद है  विशेष रूप से सांभर और नारियल की चटनी के तो क्या ही कहने?


अब घंटे ३५ मिंट की बाई  रोड  यात्रा करने का वह समय भी गया और हम डीलक्स बस  में सवार  सोचा ही नहीं था की सूंदर वादी और तिरुमला  पर्वत  पर चढ़ कर पहाड़ियोंसे बहते झरने और उनका कलकल नाद  सुनते हुए  सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसीं  वाला गाना मूर्त रूप में जैसे प्रकट हो गया हो और बस  हमें डर है हम खो जाएं कहीं सुहाना सफ़र  और ये मौसम हंसी।कहीं गुमगुम, कहीं रुमझुम, के जैसे नाचे ज़मीं!!!वो आसमाँ झुक रहा है ज़मीं पर ये मिलन हमने देखा यहीं पर मेरी दुनिया, मेरे सपने, मिलेंगे शायद यहीं !!

पहाड़ी  के चारो तरफ  हरेभरे वृक्ष  कई तरह के पशु पक्षी की आवाजें,और प्रकृति पर और ईश्वर की रचना और उसकी  सुंदरता भरी कृतियों पर ईश्वर के अस्तित्व का आभास  बढ़ाता है .साधु सज्जन से अकस्मात ही मिलना, उनके दर्शन होना उनका आशीर्वाद  शुभकामनायें प्राप्त होना इस बात की पुष्टि करता है की ईश्वर ईश्वर  सबमे है.मैं  देखूं जित और सखी री  सामने मेरे सांवरियां।  

 



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