Wednesday, March 9, 2011

माँ शारदा भक्त


हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तार दे माँ 

तू स्वर की देवीये संगीत तुझसेहर शब्द तेरा हैहर गीत तुझसेहम हैं अकेलेहम हैं अधूरेतेरी शरण मेहमें प्यार दे माँ 
मुनियों ने समझीगुणियों ने जानीवेदों की भाषापुराणों की बानीहम भी तो समझेंहम भी तो जानें विद्या का हमकोअधिकार दे माँ 
तु श्वेतवर्णीकमल पे बिराजेहाथों में वीणामुकुट सर पे साजेमन से हमारेमिटा दे अंधेरेहमको उजालों कासंसार दे माँ 

       माँ भगवती शारदा जो नरसिंहपुर की प्राचीन सींगरी नदी के तट पर पीपल और बरगद के सम्मलित वृक्ष के नीचे निर्मित शारदा मढिया में जीवंत स्थापित हैं नरसिंहपुर शारदा मढिया को पुल की मढिया के नाम से भी जाना जाता है के प्रति यहाँ के जन मानस में अटूट श्रद्धाभक्ति और विश्वास है। इस सुप्रसिद्ध माता के स्थल को अब शक्ति स्थल के रूप में जाना जाने लगा है। पहले यह छोटी सी मढिया हुआ करती थी जिसे पुल की मढिया के नाम से भी जाना जाता है परन्तु अब यह देवी के मंदिर के रूप में जानी जाती है। इसका और विस्तार तथा निर्माण कार्य अभी भी जारी है। यह मंदिर प्रांगन शिव जी का मंदिर , शनि देव की स्थापना , सिद्ध बाबा हेतु स्थान , देवी की दशकों से प्रज्जवलित अखंड ज्योति हेतु प्रथक कक्षधर्मशाला और वटवृक्ष से मिलकर बना है।

        शहर के आडम्बरों से दूर , पंडालों , फूलों और मिठाई की दुकानों से दूर यह मढिया देवीपूजन का वास्तविक अध्यात्मिक वातावरण बनती जा रही है। बड़े बड़े पंडाल ,प्रसाद वितरण उस वातावरण को पैदा नहीं कर सकते जो भाव पूर्ण पूजा और अध्यात्मिक दृष्टिकोण करता है.इस देवी स्थल पर शाम की आरती खुले  प्रांगण में विविध वाद्य यंत्रों सहित बहुत बड़ी संख्या में पधारे श्रद्धालुओं की उपस्थिति में होती है।

आज के परिवेश में पूजन का उद्देश्य और स्वरुप बदल गया है परन्तु देवी का यह स्थल आज भी वही वास्तविक आनंद को संमृद्ध करता है जो प्रारंभ कल से करता आया है।ऊपरी चमक दमक ,गरबाडांडिया वास्तव में आज के लड़के लड़कियों के लिए रास-रंग  के अवसर तो हो सकते हैं परन्तु अध्यात्मिक शुद्ध  आनंद के नहीं।

  आज संसार में ऐसा कोई नहीं जो शक्ति की उपासना नहीं करता हो परन्तु देवी पूजन भव्यता और ऊपरी आडम्बर से हट कर आत्मा से भाव से हो तो अवश्य ही शक्ति मन और उर्जावान  बनने का प्रयास सफल हो सकेगाइसी प्रार्थना के साथ माँ शारदा , माँ कालीमाँ लक्ष्मी भक्ति भावना के जागरण की हम सभी को उर्जा  प्रदान करे। जय माता दी

 



6 comments:

  1. यह विवरण पढ़कर दर्शन की इच्छा हो रही है। कभी माता का बुलावा आया तो जरुर दर्शन करेंगे।

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  2. वास्‍तविक चित्रण....
    ऐसा लग रहा था, मानों मैं स्‍वयं दर्शन कर रह था माता के...

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  3. जानकारी अच्छी लगी .....कभी समय मिला तो...

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  4. very nice post.. thanx for sharing n nicely written too :)Jai Mata Di, Jai Nari Shakti :)

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  5. सुन्दर वर्णन और भक्ति श्रद्धा का सुखद समायोजन ,

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  6. लोगों को धर्म की ओर प्रेरित करने का सफल प्रयास.. जानकारी से अवगत कराने का धन्यवाद

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